भूतकाल धीरे-धीरे बहुत से चेहरे आलोप हो रहे हैं देखता था जिनको बचपन से। धीरे-धीरे वो सब आवाज़े खामोश हो रही है सुनता …
*शिक्षामित्रों की होली अभी खाली है झोली* कैसे मनाएं होली एजी झोली अभी है खाली। सूखा हुआ कलेजा एजी सुखी हुयी है डाली।।…
*यूपी के बेहाल शिक्षामित्र* एसएम की जिन्दगी में क्या तनाव आ गया। जो मर रहे हैं रोज रोज ओ घाव छा गया।। ओ मरहम नही म…
कमलेश कुमार कारुष (शिक्षामित्र) टेट पास शिक्षामित्रों का दर्द टेट पास के वावजूद भी, बाटे बड़ परेशानी। मानक योग्यता प…
( शिक्षामित्रों के अल्प मानदेय पर रचित कविता ) महंगाई का मातम महंगाई का छाया मातम, कैसे चले खर्चा। डिप्रेशन से भरी ज…
निराला साहित्य संवाद, अम्बेडकर नगर । जिला स्तरीय बालिका हॉकी, बालक जूडो, भारोत्तोलन एवं हैण्डबाल प्रतियोगिता का आयोजन…
" प्रेम पत्र " लिखी है मैंने तेरे नाम की एक प्रेम की पतिया जिसमें छुपी है हदय के मेरे सारे जज्बात की बतिया…