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गो-आश्रय स्थलों की स्थापना, संचालन तथा अनुश्रवण से संबंधित महत्वपूर्ण बैठक हुई संपन्न

 

*गो-आश्रय स्थलों की स्थापना, संचालन तथा अनुश्रवण से संबंधित महत्वपूर्ण बैठक हुई संपन्न*

श्याम चन्दर मौर्य -जिला संवाददाता,

अम्बेडकरनगर। 06 दिसंबर 2025 जिलाधिकारी अनुपम शुक्ला की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में ग्रामीण एवं शहरी स्थानीय निकायों—ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत, जिला पंचायत, नगर पंचायत एवं नगर पालिका—में संचालित गो-आश्रय स्थलों की स्थापना, संचालन तथा अनुश्रवण से संबंधित महत्वपूर्ण बैठक संपन्न हुई। बैठक में संचालित गो-आश्रय स्थलों की वर्तमान स्थिति, संरक्षित गोवंशों की संख्या, पोर्टल पर अद्यतन प्रविष्टियों तथा भरण-पोषण फंड की उपलब्धता एवं रिक्वेस्ट की स्थिति का विस्तृत अवलोकन किया गया।

         बैठक में जिलाधिकारी महोदय ने मा० मुख्यमंत्री सहभागिता योजना के अंतर्गत विकास खण्डवार जीवित गोवंश एवं फंड रिक्वेस्ट की समीक्षा करते हुए नये सहभागियों को सुपुर्दगी हेतु गोवंश उपलब्ध कराने की प्रगति पर भी विभागीय अधिकारियों से विस्तृत जानकारी प्राप्त की। उन्होंने पराली संग्रहण अभियान (01 नवंबर 2025 से 15 दिसंबर 2025) की प्रगति रिपोर्ट, गोचर/चारागाह भूमि पर हरा चारा बुआई, एस०एफ०सी० पूलिंग की स्थिति तथा गोबर निस्तारण हेतु कम्पोस्ट पिट निर्माण सहित विभिन्न बिंदुओं की भी समीक्षा की। साथ ही गो-आश्रय स्थलों में संरक्षित गोवंशों को ठंड से बचाव हेतु तिरपाल, अलाव व्यवस्था, काउकोट, सुरक्षा हेतु सिक्योरिटी गार्ड तथा नियंत्रण कक्ष से जुड़े सीसीटीवी कैमरों की अद्यतन स्थिति । वृहद गो संरक्षण केंद्र की स्थापना हेतु भूमि चिन्हांकन की प्रगति भी बैठक का प्रमुख विषय रहा। इसी के साथ ही जिलाधिकारी ने कहीं कहीं सड़कों पर घूमते मिलने वाले निराश्रित एवं आवारा गोवंश को प्रत्येक विकास खण्ड में खण्ड विकास अधिकारी एवं पशु चिकित्सा अधिकारी की देखरेख में सफाई कर्मचारी तथा पशुधन प्रसार अधिकारी की संयुक्त टीम बनाकर अभियान चलाते हुए गोवंशो को पकड़ कर गोशाला में संरक्षित कराए जाने के निर्देश दिए। तथा नगर पालिका एवं नगर पंचायत में भी अभियान चलाकर गोवंश संरक्षित किए जायें।

       बैठक के अंत में जिलाधिकारी अनुपम शुक्ला ने संबंधित अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि गो-आश्रय स्थलों की व्यवस्थाएं किसी भी स्तर पर शिथिल नहीं होनी चाहिए। प्रत्येक आश्रय स्थल पर गोवंश के संरक्षण, भोजन, सुरक्षा एवं स्वास्थ्य संबंधी सभी प्रबंध पूरी जिम्मेदारी एवं संवेदनशीलता के साथ सुनिश्चित किए जाएं। उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि सभी संबंधित विभाग पोर्टल पर अद्यतन प्रविष्टियों को समयबद्ध रूप से पूरा करें, आश्रय स्थलों पर आवश्यक सामग्री की व्यवस्था में कोई विलंब न हो तथा पराली संग्रहण एवं चारा बुआई के कार्य लक्ष्यानुसार पूर्ण किए जाएं।

       जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि वृहद गो संरक्षण केन्द्र की स्थापना, सीसीटीवी निगरानी तथा गो-आश्रय स्थलों की नियमित मॉनिटरिंग को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए, ताकि जिले में गोवंश संरक्षण की व्यवस्था और अधिक प्रभावी व परिणामकारी बन सके।

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