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निःशुल्क विधिक सेवा प्राप्त करने का अधिकार विषय पर विधिक साक्षरता शिविर का हुआ आयोजन


निराला साहित्य संवाद,

अम्बेडकर नगर।  उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ द्वारा प्रेषित एक्शन प्लान 2024-2025 के क्रियान्वयन के क्रम में तथा श्री राम सुलीन सिंह, माननीय जनपद न्यायाधीश / अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार आज दिनांक 28.10.2024 को 'मिशन शक्ति अभियान के अन्तर्गत विभिन्न प्राविधानों जैसे कि दहेज प्रतिषेध कानून, घरेलू हिंसा अधिनियम, 2005, लैंगिक अपराधों से संरक्षण, कार्यस्थल पर यौन शोषण संबंधी अधिनियम, गर्भ का चिकित्सीय समापन अधिनियम, 1971. बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, गिरफ्तारी से पूर्व गिरफ्तारी के समय एवं उनके बाद महिलाओं, बालिकाओं के अधिकार संबंधी प्रावधान व कानून, पूर्वगर्भाधान और प्रसवपूर्व निदान तकनीक अधिनियम, 1994, विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 की धारा 12 के अन्तर्गत निःशुल्क विधिक सेवा प्राप्त करने का अधिकार आदि विषयों पर विधिक साक्षरता / जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन सुन्दर लाल रामा कालेज ऑफ नर्सिंग, राहुल नगर कालोनी, अकबरपुर, अम्बेडकरनगर में किया गया। उक्त विधिक साक्षरता / जागरुकता शिविर में श्री भारतेन्दु प्रकाश गुप्ता, अपर जिला जज / सचिय, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर, सुश्री युतूल जेहरा, असिस्टेंट, लीगल एड डिपोन्स काउन्सिल, डा० सुधीश एस०, प्राचार्य, सुन्दर लाल रामा कालेज ऑफ नर्सिंग, श्रीमती नमिता विश्वकर्मा, सेन्टर मैनेजर, वन स्टाप सेन्टर सुश्री सुषमा मौर्या, उपनिरीक्षक, महिला थाना अम्बेडकरनगर श्रीमती पुष्पा पाल, पी०एल०वी०, जि०वि० से० प्रा० के कर्मचारीगण, पी०एल०वी० सुन्दर लाल रामा कालेज ऑफ नर्सिंग, अकबरपुर, अम्बेडकरनगर के शिक्षकगण, कर्मचारीगण एवं छात्राएं उपस्थित रही। मिशन शक्ति विषय पर आयोजित विधिक साक्षरता / जागरूकता शिविर का शुभारम्भ मुख्य अतिथि श्री भारतेन्दु प्रकाश गुप्ता अपर जिला जज / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर द्वारा मां सरस्वती के चित्र पर माल्यापर्ण करते हुये किया गया। विधिक साक्षरता / जागरूकता शिविर का संचालन श्रीमती पुष्पा पाल, पराविधिक स्वंय सेवक, द्वारा किया गया। सुश्री बुतूल जेहरा, असिस्टेण्ट, लीगल एड डिफेन्स काउन्सिल द्वारा महिलाओं के विरूद्ध अपराध जैसे, एसिड हमला, बलात्कार, अपहरण, आई०पी०सी० के तहत किसी भी प्रकार का यौन हमला, मानव तस्कारी, कुरता, और आई०पी०सी० तथा दहेज अधिनियम के तहत दहेज उत्पीड़न के विषय में बताया गया। सुश्री सुषमा मौर्या, उपनिरीक्षक, महिला थाना, अम्बेडकरनगर द्वारा मिशन शक्ति मिशन मोड एवं महिलाओं की सहायता हेतु संचालित हेल्पलाईन न० 112, 1090 एवं 1076 के बारे में भी बताया गया तथा श्रीमती नमिता विश्वकर्मा सेन्टर मैनेजर, वन स्टाप सेन्टर द्वारा महिलाओं के हितार्थ संचालित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी गई।

विधिक जागरूकता / साक्षरता शिविर का समापन श्री भारतेन्दु प्रकाश गुप्ता, अपर जिला जज / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर द्वारा उपस्थित प्रतिभागियों को धन्यवाद ज्ञापन किया गया एवं मिशन शक्ति" कार्यकम की भूमिका व उददेश्यों पर भी बात की गई। अपर जिला जज / सचिव महोदय द्वारा बताया गया कि विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 की घारा 12 के अन्तर्गत्त किसी भी महिला को निःशुल्क विधिक सेवा प्राप्त करने का अधिकार है। आमजन को निःशुल्क विधिक सहायता प्रदान किये जाने हेतु जिला स्तर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कार्यालय जनपद न्यायालय अम्बेडकरनगर में संचालित है एवं तहसील स्तर पर प्रत्येक तहसीलों में तहसील विधिक सेवा समिति की स्थापना की गई है यदि किसी को किसी भी प्रकार की विधिक सहायता या जानकारी चाहिए तो राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली द्वारा संचालित टोल फ्रि हेल्पलाईन नम्बर-15100 पर कॉल कर तत्काल सहायता व जानकारी प्राप्त कर सकते है या राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली द्वारा संचालित एल०एस०एम०एस० पोर्टल के माध्यम से भी आप अपनी समस्याओं का निदान कर सकते है। इसके अतिरिक्त सचिव, जि०वि०से०प्रा० द्वारा राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली एवं उ०प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ द्वारा दिनांक 14. 12.2024 को जनपद अम्बेडकरनगर में आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत के बारे में भी बताया गया गया। सचिव महोदय द्वारा कार्य स्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न रोकने के लिये 2013 में बनाये गये कानून जिसे पाश एक्ट यानी प्रिवेंशन आफ सेक्सुअल हैरेसमेंट कहा जाता है पर जानकारी देते हुये बताया कि किसी भी प्राईवेट सेक्टर, सरकारी या गैर सरकारी जिनमें महिलायें कार्य करती है। उसमें महिलाओं के कार्य स्थल पर लैंगिक उत्पीड़न से सरंक्षण और लैंगिक उत्पीड़न के परिवादों के निवारण के लिये प्राईवेट सेक्टर, सरकारी या गैर सरकारी संस्थानों में समिति बनाया गया है उन समितियों के तहत जो भी पीड़ित महिलायें होगी अपनी सूचना समिति को देगी और समिति उस पर कार्यवाही करेगी। कार्यस्थल पर महिलाओं को लैंगिक उत्पीड़न से बचाने के लिये आआंतरिक परिवाद समिति व श्क्षेत्रीय परिवाद समिति का गठन किया गया है। समिति दो प्रकार की होगी आतरिक एवं बाह्य। पी०सी०पी०एन०टी० एक्ट पर जानकारी देते हुये बताया कि लिंग चयन प्रतिषेध अधिनियम, 1994 एक ऐसा अधिनियम है जो कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिये लागू किया गया है। इस अधिनियम ने प्रसव पूर्व लिंग निर्धारण पर प्रतिबन्ध लगा दिया है। कोई भी व्यक्ति जो प्रसव पूर्व गर्भाधान लिंग निर्धारण का विज्ञापन करता है या ऐसे किसी भी कार्य में संलग्न होता है तो उसे तीन साल तक की कैद की सजा का प्रावधान है। लैंगिक समानता महिलाओं और लड़‌कियों के खिलाफ हिंसा को रोकती है। आर्थिक समृद्धि के लिये यह आवश्यक है। जो समाज महिलाओं और पुरुषों को समान मानते हैं वे अधिक सुरक्षित और स्वस्थ हैं। लैंगिक समानता एक मानव अधिकार है।

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