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छात्रों और अभिभावकों ने हटाये गये शिक्षक को पुनः विद्यालय में नियुक्त करने की किया मांग

 

छात्रों और अभिभावकों ने हटाये गये शिक्षक को पुनः विद्यालय में नियुक्त करने की किया मांग 


अम्बेडकर नगर।  टांडा शिक्षा क्षेत्र के मदारपुर से बड़ी संख्या में अभिभावक व परिषदीय स्कूल के छात्र जिलाधिकारी व जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पहुंचकर प्राथमिक विद्यालय मदारपुर में तैनात प्रधानाध्यापक बाबू सुधीर रंजन धीरज पर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि साहब हमारे बच्चों का भविष्य दांव पर है। प्रधानाध्यापक बाबू सुधीर रंजन धीरज की ईमानदारी विद्यालय में विवाद की वजह बन गई है। सुधीर रंजन ने विद्यालय का प्रभार लेने के बाद शिक्षा की तस्वीर बदली है। अभिभावकों ने कहा कि विद्यालय के कुछ शिक्षक प्रधानाध्यापक के सख्त अनुशासन और शिक्षा पर जोर देने की वजह से असंतुष्ट रहते हैं और उन्हें नीचा दिखाने के प्रयास में झूठे आरोप लगाकर हटवाने की साजिश कर रहे हैं। सामूहिक पत्र देते हुए मांग किया है कि मामले की निष्पक्ष जांच कर वास्तविकता सामने लाई जाए और शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने वाले प्रधानाध्यापक को छात्रहित मे पुनः प्राथमिक विद्यालय मदारपुर में तैनात किया जाए।

    मिली जानकारी के अनुसार टाण्डा ब्लॉक के प्राइमरी पाठशाला मदारपुर में इन दिनों एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। विद्यालय के प्रधानाध्यापक बाबू सुधीर रंजन धीरज के खिलाफ उनके ही स्कूल के कुछ शिक्षकों ने शिकायत दर्ज कराई है। जिसके बाद विभाग द्वारा बाबू सुधीर रंजन धीरज को अन्यत्र विद्यालय पर सम्बद्ध कर दिया गया है। अब इसी विवाद के बीच विद्यालय के अभिभावक व छात्र सामने आ गए हैं और सुधीर रंजन पर लगे आरोप को निराधार बता रहे हैं।

     जिला अधिकारी व बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पहुंचे विद्यालय के अभिभावक आज्ञाराम, अच्छेलाल, शिवकुमारी, विक्रमाजीत, मनोज कुमार, मोतीलाल आदि ने सामूहिक रूप से पत्र देते हुए कहा कि जब से प्रधानाध्यापक बाबू सुधीर रंजन धीरज ने कार्यभार संभाला है विद्यालय की शिक्षा व्यवस्था की गुणवत्ता में सुधार हुआ है। इस कारण अनेक अभिभावकों ने अपने बच्चों को निजी विद्यालयों से निकालकर इस विद्यालय में दाखिला दिलाया। बच्चों के पढ़ाई का स्तर इतना बेहतर हुआ कि यहाँ के बच्चे नवोदय विद्यालय की प्रवेश परीक्षा तक में सफलता प्राप्त किए। विद्यालय में बच्चों को समय पर मध्यान्ह भोजन, फल और दूध जैसी व्यवस्था उपलब्ध कराई गई। अभिभावकों ने आरोप लगाया कि विद्यालय के कुछ शिक्षक, शिक्षिकाएं जो शिक्षण कार्य के बजाय फोनों में व्यस्त रहते हैं ऐसे में प्रधानाध्यापक के सख्त अनुशासन और शिक्षा पर जोर देने की वजह से वह असंतुष्ट रहते हैं और उन्हें नीचा दिखाने के प्रयास में अब झूठे और कूटरचित आरोप लगाकर उन्हें विद्यालय से हटवाने की साज़िश की जा रही है।

     अभिभावकों ने डीएम व बीएसए से मांग किया है कि प्रधानाध्यापक के खिलाफ दर्ज शिकायतों की निष्पक्ष जांच कराई जाए और उनके पिछले सेवाकाल के रिकॉर्ड को भी देखा जाए। अभिभावकों ने चेतावनी दिया है कि यदि बच्चों के भविष्य को नजरअंदाज कर कोई अन्यायपूर्ण निर्णय लिया गया तो अभिभावक मजबूरन बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय का घेराव करेंगे और अपने बच्चों का नाम मदारपुर विद्यालय से कटवाने पर बाध्य होंने की चेतावनी दी है।

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