एक ग्राम सभा को लेकर हुई विचार गोष्ठी
"ना विधान सभा, न लोक सभा सबसे बड़ी ग्राम सभा" के लगें नारे
निराला साहित्य संवाद,
अंबेडकर नगर । विकास खण्ड जलालपुर के ग्राम पंचायत गुवापाकड़ में एक ग्राम सभा को लेकर एक विचार गोष्ठी आयोजित की गई, बैठक की शुरुआत "ना विधान सभा, न लोक सभा सबसे बड़ी ग्राम सभा" के जोरदार नारे के आगाज के साथ किया गया ।
बैठक मे संस्था जन शिक्षण केंद्र की सचिव पुष्पा पाल द्वारा बताया गया कि उत्तर प्रदेश पंचायतीराज अधिनियम के तहत ग्राम सभा की संवैधानिक प्रक्रियाओं और मतदाताओं की भूमिका क्या है। इस बैठक का उद्देश्य ग्राम सभा के सदस्यों और मतदाताओं को जागरूक करना था जिससे ग्रामीण विकास योजनाओं में पारदर्शिता और मतदाताओं की सक्रिय भागीदारी हो। "ग्राम सभा में मतदाताओं को खुलकर अपनी राय व्यक्त करनी चाहिए और ग्राम प्रधान की जवाबदेही सुनिश्चित करनी चाहिए, जिससे शासन में पारदर्शिता आए।"
बैठक के दौरान पंचायतीराज अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों पर विस्तृत चर्चा की गई।
उपस्थित सदस्यों को अधिनियम के विभिन्न पहलुओं की जानकारी दी गई, जिससे उन्हें पंचायत प्रणाली की गहराई से समझ प्राप्त हो सके। महिलाओं और युवाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करने पर विशेष बल दिया गया, साथ ही डिजिटल उपकरणों के उपयोग से प्रशासनिक कार्यों में सुधार की संभावनाओं पर भी चर्चा हुई। ग्रामीण शासन को सुदृढ़ करने और सक्रिय योगदान देने की अपील की गई। बताया गया कि ग्राम सभा की खुली बैठक सालभर में दो बार होनी चाहिए और पंचायत के 1/5 ग्राम सभा सदस्य उपस्थिति होने चाहिए और इसकी सूचना, माइक, डुग्गी, दीवाल लेखन के जरिए 15 दिन पहले देनी चाहिए जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग उपस्थिति हो और अपने ग्राम सभा का प्लान कर पाए ।
इस कार्यक्रम में पूनम, किस्मती, इंद्रावती, कलावती, अनीता, सविता, के साथ संस्था के राम स्वरूप, पुनीता सहित बड़ी संख्या में महिला पुरुष मौजूद रहे । कार्यक्रम का समापन "ग्राम सभा में अपनी भागीदारी बढ़ाएंगे, ग्राम विकास योजना बनायेगे" के साथ किया गया।

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