हिंदी को देश की राष्ट्रभाषा घोषित करने की मांग
निराला साहित्य संवाद,
अयोध्या। वैश्विक आवश्यकताएँ ही हिंदी को विश्व की संपर्क भाषा बनाएंगी,मातृभाषा से ही हमारे देश की अस्मिता की पहचान है, हिंदी के बिना संपूर्ण और समृद्ध राष्ट्र की कल्पना अधूरी है उक्त बातें आज यहां अंतरराष्ट्रीय वैदिक रामायण एवं शोध संस्थान (तुलसी स्मारक भवन )अयोध्या में हिंदी दिवस के शुभ अवसर पर आयोजित संगोष्ठी,सम्मान समारोह व सांस्कृतिक कार्यक्रमों में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए श्रीमान अजय कांत सैनी अपर आयुक्त प्रशासन अयोध्या ने कही । विशिष्ट अतिथि के रूप में नारायण फाउंडेशन व भाजपा के युवा नेता विवेक कुमार मौर्य ने अपने वक्तव्य में कहा कि हिंदी से ही हमारे देश का समग्र विकास सम्भव है, हिंदी के बिना देश की कोई पहचान नहीं है देश की अस्मिता की पहचान हिंदी से ही है,अब समय आ गया है जब हिंदी को देश की राष्ट्रभाषा घोषित किया जाए। भा.ज.पा.युवा नेता यश पाठक ने कहा कि वर्तमान सरकार हिंदी को विशेष महत्व दे रही है इसी क्रम में यदि हिंदी को राष्ट्रभाषा घोषित कर दिया जाय तो देश में विकास की प्रक्रिया और तीव्र होगीl उक्त अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन लक्ष्मण बाल विद्या मंदिर इंटर कॉलेज विद्याकुण्ड अयोध्या की प्रधानाचार्य डॉ. एकता त्रिपाठी के नेतृत्व में बच्चों ने तमाम रंगारंग कार्यक्रमो से आए हुए साहित्य प्रेमीयो को भाव विभोर कियाl समारोह का संचालन करते हुए संस्थान के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. सम्राट अशोक मौर्य ने आये हुए समस्त अतिथियों का हार्दिक आभार व्यक्त करते हुए अयोध्या में हिंदी की गतिविधियों को धार देने के लिए हिंदी भवन की विशेष आवश्यकता पर जोर दिया जिसके माध्यम से हिंदी को राष्ट्रभाषा घोषित कराने की मुहिम को विशेष बल मिलेगा । संस्थान के प्रदेशअध्यक्ष दिनेश कुमार सिंह "वत्स"ने कहा कि हिंदी के राष्ट्रभाषा बने बिना भारत देश गूंगे के समान है,संस्थान के संरक्षक मंडल सदस्य व "साहित्य सम्राट" पत्रिका के सह संपादक राम केर सिंह ने कहा कि हिन्दी को पूर्ण आत्मसात किए बिना देश की वास्विक प्रगति असंभव है,जनमोर्चा के वरिष्ठ पत्रकार सूर्य नारायण सिंह ने कहा कि समारोह मे हम सभी को एक परिवार मानकर अपनी अपनी जिम्मेदारियां का सफल निर्वहन करना होगा ।उक्त अवसर पर समारोह में लगभग सैकड़ो साहित्य प्रेमियों को समाज के विविध क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए प्रमाण पत्र, अंग वस्त्र,प्रतीक चिन्ह आदि देकर सम्मानित किया गया ।समारोह को संबोधित करने वालों में प्रमुख रूप से संस्थान के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विंध्यवासिनी शरण पांडिया,वरिष्ठ समाजसेवी सावित्री मिश्रा,ओमप्रकाश सोनी,उच्च न्यायालय के अधिवक्ता मृगेंद्र पाल सिंह,गुड़िया त्रिपाठी,वरिष्ठ पत्रकार संजय यादव, राजकुमार त्रिपाठी,आचार्य स्कंद दास,अजय तिवारी, परमजीत कौर,परमिंदर कौर, पीहू,वैदेही प्रियंका यादव, राजकुमार यादव राजा भैया, सुमित्रानंदन यादव,प्रिया श्रीवास्तव,प्रिया शुक्ला,नंदिनी शर्मा,सरोज,दीपचंद राही,डॉ. आशीष पांडेय,विष्णु लाल मौर्य,प्रज्ञा गुप्ता, राम प्रकाश मिश्रा,अखंड सिंह, बृजेश सेन पत्रकार,सरोज,रेनू देवी, शरद पाठक "बाबा," नरेंद्र पाठक, डॉ राम करन सिंह कुशवाहा,आदि रहे l समारोह में प्रमुख रूप से उपस्थित रहने वाले साहित्य प्रेमियों में प्रमुख रूप से अशोक पांडेय,संतोष कुमार वर्मा, आचार्य शशि मौर्य, डॉ. चंद्रगुप्त मौर्य, डॉ. सम्राट श्री कृष्णा मनमोहन,डॉ. अनुराधा मौर्य, संजय यादव, परमानंद गु दास,सी.ए.चक्रवर्ती मौर्य,म. दिनेश दास, प्रेस क्लब अयोध्या अध्यक्ष महेंद्र त्रिपाठी, सुबोध श्रीवास्तव,सिद्धार्थ श्रीवास्तव, आलोक निगम,धर्मेंद्र कुमार चौरसिया, सुल्तान अंसारी आदि रहे, समारोह की अध्यक्षता दशरथ गद्दी के मंहत बृजमोहन दास जी महाराज ने किया ।
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