*रूढ़ी में मनरेगा में फर्जीबाड़ा करने की शिकायत का जांच अधिकारी द्वारा नहीं किया गया निष्पक्ष जांच*
*जांच अधिकारी द्वारा मनरेगा के भ्रष्टाचार को भरसक छिपाने का किया गया प्रयास*
*जांच अधिकारी द्वारा बिना पूरी शिकायत बताए मनरेगा मजदूरों से गुमराह कर सादे कागज पर लगवाया गया अंगूठा*
*जांच अधिकारी द्वारा फर्जी हाजिरी की नहीं की गयी जांच*
अम्बेडकर नगर। विकास खंड राम नगर अन्तर्गत स्थिति ग्राम पंचायत रूढ़ी में 6 फरवरी 2025 को मनरेगा के वेबसाइट पर फर्जी हाजिरी व फर्जी हाजिरी चढ़ा कर वसूली करने की शिकायत आई जी आर एस संख्या 40017825003461 फर्जी हाजिरी व गलत अपलोड करने व रोजगार सेवक द्वारा स्वयं काम न करने की शिकायत की गई थी। 6 फरवरी 2025 के मास्टर रोल संख्या 10263,10264,10340 पर फर्जी हाजिरी व गलत फोटो अपलोड करने की शिकायत की गई थी। शिकायत करने के बाद से सही हाजिरी लगाई गई तथा रोजगार सेवक द्वारा अपना काम स्वयं करना शुरू कर दिया गया।।
शिकायत की जांच करने आए जांच अधिकारी ने फर्जी हाजिरी, फर्जी अपलोड फोटो व मृतक शिवप्रकाश के मृतक होने के 6 माह बाद हाजिरी लगाने की शिकायत की जांच न करते हुए जांच अधिकारी द्वारा 6 फरवरी 2025 के बाद सही सही रूप से काम करने वाले नरेगा मजदूरों से बिना पूरी शिकायत बताए अंगूठा हस्ताक्षर करवा कर मनरेगा के फर्जी बाड़े पर पर्दा डालने का काम किया गया। जांच अधिकारी द्वारा भोले भाले निरक्षर व कम पढ़े-लिखे मजदूरों से अंगूठा हस्ताक्षर करा कर शिकायत को निराधार बता दिया। वही 6 फरवरी 2025 को चल रहे मास्टर रोल को फर्जी हाजिरी लगाने की शिकायत होने के बाद निरस्त कर दिया गया तथा बताया गया कि शिकायत स्थल पर मनरेगा के बजाय राज वित्त से कार्य कराया गया है। जब राज वित्त से कार्य हो रहा था तो मास्टर रोल पर 6 फरवरी 2025 को मनरेगा की वेबसाइट पर फोटो अपलोड किया गया था।उसे शिकायत होने के बाद निरस्त क्यों कर दिया गया। यह बड़ा यक्ष प्रश्न बना हुआ है। शिकायत कर्ता द्वारा दूरभाष पर जाच अधिकारी को बताया गया कि यदि शिकायत करने की तिथि 6 फरवरी 2025 से पहले का मनरेगा की वेबसाइट पर अपलोड फोटो की जांच कराई जाए तो मनरेगा योजना में हुआ फर्जी बाड़ा सामने आ जाएगा। वहीं जांच अधिकारी द्वारा फर्जी हाजिरी, फर्जी अपलोड फोटो, मृतक होने के 6 माह बाद जाब कार्ड पर फर्जी हाजिरी लगाने की शिकायत की जांच न करके मनरेगा के धन के हुए बंदर बांट कों जांच अधिकारी द्वारा छिपाने का प्रयास किया गया। जो जांच अधिकारी की जांच पर बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है। वहीं शिकायत कर्ता निराला साहित्य समाचार पत्र के संस्थापक राम चन्दर मौर्य ने जांच आख्या पर असंतुष्ट होने की शिकायत कर निष्पक्ष जांच करवाने की मांग किया है।
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