*यूपी के बेहाल शिक्षामित्र*
एसएम की जिन्दगी में क्या तनाव आ गया।
जो मर रहे हैं रोज रोज ओ घाव छा गया।।
ओ मरहम नही मिल रहा दर्द घाव भरने को।
आखिर करें तो क्या करें हैं मजबूर मरने को।।
सम काम करने पर भी सम दाम ना मिले।
आखिर ए कैसा न्याय है जो अन्याय मे हिले।।
महंगाई के इस मार से हम मर रहे दिन रात।
बस वादा वादा वादा बस वादा का है घात।।
कर्ज मर्ज छाया अर्ज सुन रहा ना कोय।
ओ वेट करते करते बस अगला डेट होय।।
हम कब तलक ऐसे ही सताए जाएंगे।
ओ दिन कब आएगा कब मंजिल पाएंगे।।
आदरणीय सीएम साहब जी कृपा तो कीजिए।
बस यूके माडल एटी पद आदेश दीजिए।।
ओ एसएम पूरे यूपी के उस दिन जानेंगे।
जिस दिन कृपा करेंगे सर एहसान मानेंगे।।
कलम से✍️
कमलेश कुमार कारुष
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