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क्या नगर पालिका अकबरपुर में करोड़ों रुपये प्रतिवर्ष की चोरी और लूट हो रही है?

 

क्या नगर पालिका अकबरपुर में करोड़ों रुपये प्रतिवर्ष की चोरी और लूट हो रही है?

अम्बेडकरनगर। नगर पालिका परिषद अकबरपुर में पिछले कई वर्षों से करोड़ों रुपये प्रतिवर्ष की लूट और चेरी स्वयं नगर पालिका के प्रमुख व्यवस्थाधिकारियों जिन्हें अध्यक्ष और अधिशासी अधिकारी के रूप में माना जाता है, की ही मुख्य भूमिका भी होती है उनके द्वारा ही की जा रही है। यह भी सर्वविदित है कि पिछले कई महीनों से पूरे नगर पालिका क्षेत्र में इस मामले को लेकर तरह-तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म है। किन्तु चर्चाओं को सही तब तक सही नहीं माना जा सकता है जब तक कि आंशिक रूप में ही सही, किन्तु कुछ तथ्य सत्य हों। पिछले कुछ माह पूर्व एक नयी चर्चा सामने आयी कि वर्तमान नगर पालिका अध्यक्ष चन्द्रप्रकाश वर्मा द्वारा नगर पालिका के अधिकांश मुखर सभासदों को कई चक्र में अपने आवास पर बुलाकर 50-50 हजार रुपये प्रदान किये गये। बताया जाता है कि सभासदों द्वारा यह पूछे जाने पर कि यह धनराशि किस लिये दी जा रही है? अध्यक्ष महोदय द्वारा उत्तर दिया गया, जाओ तुम लोग भी घूमों-खाओ।

‘कबतक चुप रहे’ द्वारा उपरोक्त चर्चाओं पर जॉच पड़ताल के सम्बंध में नगर पालिका के एक सभासद से उक्त प्रकरण में वार्ता के दौरान उसने अपना नाम न छापने के अनुरोध पर मुस्कराते हुए बताया कि ‘भैया जब सभी ले रहे हैं तो हम क्यों नहीं लेते? उसके इतना कहने पर ‘कबतक चुप रहें’ को यह स्पष्ट हो गया कि इस प्रकरण में कुछ न कुछ सच्चई अवश्य है। इसी आधार पर ‘कबतक चुप रहे’ द्वारा नगर पालिका के कई अन्य सभासदों से सम्पर्क किया गया तो उन्होने बताया कि इतना अधिक भ्रष्टाचार बढ़ गया है कि खुलीलूट मची हुई है। उन्होने यह भी बताया कि नगर पालिका के सभासदों द्वारा जनसूचना अधिकार के तहत मॉगी गयी सूचनाएॅ इसीलिए नहीं दी जा रही हैं कि यदि सूचनाएं दे दी गयीं तो अध्यक्ष और अधिशासी अधिकारी की सारी लूट-खसोट पर से पर्दा हटना शुरू हो जायेगा। उन्होने यह भी कहा कि शायद जनसूचना अधिकार के अन्तर्गत मांगी गयी सूचनाओं पर पुनः सभासद अग्रिम विधिक व्यवस्था तक न जाएं, इसीलिए सभासदों को भारी धनराशि देकर उनका मुंह बंद करने का प्रयास किया गया है। 

कुछ सभासदों ने यह भी बताया कि नगर पालिका के कर्मचारियों के भत्ता और वेतन वृद्धि के मद में आई हुई धनराशि को भी पालिका के जिम्मेदारों द्वारा हजम कर लिया गया है, और उसके विरुद्ध सभासद आवाज न उठाए, उक्त धनराशि को संभवतः इसी परिप्रेक्ष्य में बॉटा गया है। एक सभासद ने यह भी बताया कि नगर पालिका के बजट वर्ष 2023-24 व 2024-25 में जिन-जिन मदों में जो-जो व्यय दिखाया गया है, उसे देखने मात्र से ही फिलहाल यह स्पष्ट हो रहा है कि निश्चित ही नगर पालिका के जिम्मेदार अध्किारियों ने बहुत लम्बा घोटाला और लूट का तांडव मचा रखा है। 

लखनऊ से प्रकाशित हिन्दी दैनिक ‘कबतक चुप रहे’ अपने तरीके से उपरोक्त सूचनाओं एवं घटनाओं की गंभीरता से लेते हुए सूक्ष्म जॉच पड़ताल और भ्रष्टाचार व लूट से सम्बंधित अभिलेखों को संकलित करने के लिए मन-वचन-कर्म से प्रयासरत है तथा ज्यों-ज्यां अभिलेखीय साक्ष्य एवं अन्य प्रमाण प्राप्त होते रहेंगे, नगर पालिका के इस भीषण लूटखसोट व भ्रष्टाचार से सम्बंधित तथ्य समाचार पत्र के प्रत्येक अंक में निर्भीकता एवं तथ्यों के साथ प्रकाशित होते रहेंगे।

साभार कब तक चुप रहें संवाददाता 

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