Hot Posts

6/recent/ticker-posts

प्रेम पत्र ( काव्य पाठ )

 

" प्रेम  पत्र "


लिखी है मैंने तेरे नाम की

एक प्रेम की पतिया

जिसमें छुपी है हदय के मेरे

सारे जज्बात की बतिया ।

सारे सपनों के रंग भरे हैं,

और भरे मीठी बतिया ।

खोल इसे तुम प्रेम से पढ़ना

तब समझोगो सब बतिया ।

आशाओं का संसार समाहित

छिपा हुआ है इस में,

ध्यान लगा के समझना इसको,

मेरे हृदय की बतिया । 

तेरे बिन मेरा दिन नहीं कटता,

और ना कटती रतिया।

सताए मुझको हरदम सुन लो,

तेरे मेरे प्यार की बतिया ।

तेरे हंसी की खुशबू भी है,

इस पतिया में समाई ,

और बसी है इसमें देखो

प्रेम की तेरी परछाई ।

तेरी यादें जब भी सताए,

तो मैं लिखती हूं पतिया।

इससे ताजा हो जाती है,

मधुर भरी सब बतिया ।

पतिया लिखने से खुशी है मिलती,

सांत्वना और है मिलती

कारण इसी मैं रोज हूं लिखती,

तेरे नाम की पतिया ।

साथ निभाने के भी वादे,

इस पाती में छिपा है।

और छिपा है इस पाती में,

 जज्बात जो मैंने लिखा है ।

ये पतिया जो लिखा है मैंने,

हैं ये बड़े अनमोल

हदय से जब भी पढ़ोगे इसको,

तब समझोगे इसका मोल।


संजुला सिंह  "संजू "

जमशेदपुर (झारखंड)

Post a Comment

0 Comments