सरकारी राशन की दुकानों तक नहीं पहुंच रहा राशन जिसका परिणाम भुगत रहा आम जनमानस
निराला साहित्य संवाद
अम्बेडकर नगर आलापुर तहसील अन्तर्गत जहांगीर गंज ब्लाक में राशन की दुकान तक राशन न पहुंचाकर राशन जय मां अम्बे कम्प्यूटराईज्ड धर्मकांटा जगदीश पुर से राशन की दुकान मालिकों को मजबूर होकर अपने निजी खर्च पर राशन ले जाना पड़ता हैं नाम गुप्त रखे जाने की शर्त पर बताया गया कि तीस रुपए प्रति कुंतल के हिसाब से साहब को कमीशन भी देना पड़ता है जिसका परिणाम लोगों को राशन कटौती के रूप भुगतना पड़ता है पूरे जिले में गिनी चुनी दुकानें होगी जहां यूनिट के हिसाब से राशन वितरण व्यवस्था लागू हो पाती है जब नीचे से ऊपर तक कमीशन फिक्स है तो धरातल स्तर पर योजना का सही लाभ कैसे मिले सोचनीय विषय बन गया है। मीडिया कर्मी द्वारा पूर्ति निरीक्षक जहांगीर गंज से वार्ता में बताया गया कि लगभग चालीस राशन की दुकान तक गाड़ी पहुंच सकती है उन दुकानों पर राशन पहुंचाया जा रहा है बाकी दुकानों के नजदीक प्वाइंट तक राशन भेजा जा रहा है जबकि धरातल स्तर पर नजारा कुछ और ही नजर आ रहा है जहांगीर गंज ब्लाक की गिनी चुनी पांच से छह दुकान को छोड़कर अन्य दुकान दारो को मजबूरी में जय मां अम्बे कम्प्यूटराईज्ड धर्मकांटा जगदीश पुर से राशन ले जाना पड़ता है। ठेकेदार की मनमानी के आगे प्रशासन नतमस्तक है। क्योंकि साहब भी आर्थिक लाभ के तले दबे हुए हैं तो कार्यवाही हो तो कैसे सवाल बना हुआ है। स्थिति यह है शिकायत कर्ता तो है लेकिन बिल्ली के गले में घंटी कौन बांधे इस कारण लुट रहा आम जनमानस देखना अब यह है कब लग पाती है लगाम जबकि स्थिति की जानकारी ऊपर से नीचे तक सभी को है।

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