सरकार द्वारा शिक्षामित्रों के प्रति अपनाएं जा रहे उदासीनता पूर्ण रवैया, आर्थिक तंगी के चलते शिक्षामित्रों द्वारा दिया जा रहा है त्यागपत्र
बलिया। उत्तर प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में 24 वर्षों से शिक्षण कार्य करने वाले शिक्षामित्रों द्वारा सरकार की शिक्षामित्रों के प्रति अपनाएं जा रहें उदासीनता पूर्ण रवैया के चलते उत्तर प्रदेश का शिक्षक की सभी योग्यता रखने वाला शिक्षामित्र त्याग पत्र सौंपने व बेमौत मरने को मजबूर हैं। इस समय शिक्षामित्रों को 11 माह के लिए 10000 हजार रुपए मानदेय के रूप में दिया जा रहा है। वह भी शिक्षामित्रों को समय से नहीं मिल पा रहा है। 7 वर्षो से शिक्षामित्र के मानदेय में 1 रूपए तक की भी उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा वृद्धि नहीं किया गया। प्रदेश में बड़ी संख्या में लगभग 20 हजार शिक्षामित्र आर्थिक तंगी व मानसिक अवसाद के चलते मौत के शिकार हो गए। शिक्षामित्रों के साथ सरकार का सबका साथ सबका विकास का नारा बेमानी साबित हुआ। राम राज की परिकल्पना वाली सरकार में शिक्षामित्र बेमौत मरेंगे व शिक्षामित्र पद से इस्तीफा सौंपने को मजबूर हैं । आएं दिन शिक्षामित्रों की आर्थिक तंगी में आसामयिक मृत्यु हो रही है। फिर भी शिक्षामित्रों के मौत की जिम्मेदार सरकार मौन है।हाल ही में सरकार की शिक्षामित्रों के प्रति उदासीनता पूर्ण रवैया अपनाए जाने के कारण आर्थिक तंगी से गुजर रहे शिक्षामित्र दीपक कुमार प्राथमिक विद्यालय राजमल पुर, रसड़ा जनपद बलिया ने मजबूर होकर शिक्षामित्र पद से इस्तीफा सौंपा है ।जिनका मानव संपदा कोड 631412 है। दीपक कुमार ने अल्प मानदेय के कारण शिक्षामित्र पद से इस्तीफा सौंप दिया।
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