कमलेश कुमार कारुष (शिक्षामित्र)
टेट पास शिक्षामित्रों का दर्द
टेट पास के वावजूद भी,
बाटे बड़ परेशानी।
मानक योग्यता पूरा भइया,
फिर भी गजब कहानी।
बहुत प्रयास भइल ए बाबू,
फिर भी हल ना आई।
पर हिम्मत ना हारी ए बबुआ,
रात दिन लगि जाई।
मिली वापस सम्माना,
ए बबुआ कहना माना,
मिली••••
डिप्रेशन के जिनगी भइया,
कइसे चली खर्चा।
रात दिन मर रहे एसएम,
चारो ओरी चर्चा।
महंगाई इ डसली डायल,
कर्ज तले दब गइनी।
बहुत दिन के बाद ए बबुआ,
टेट संगठन पइनी।
मिली वापस सम्माना।
ए बबुआ कहना माना।
मिली•••
एक सूत्र में बंधिके बबुआ,
लड़े की पड़ी लड़ाई।
सब केहू त जान ताड़े,
कितनी बड़ी कड़ाई।
फिर भी लगन लगाके लड़िह,
कारुष नाहि निराशा।
किरण सफलता चमकी ए बबुआ,
जाग जाई एक आशा।
मिली वापस सम्माना।
ए बबुआ कहना माना।
कलम से✍️
कमलेश कुमार कारुष
मिर्जापुर
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