*पॉक्सो एक्ट: बाल पीड़ितों के लिए न्याय का सहारा, सहायक व्यक्ति बने उम्मीद की किरण*
*बाल अधिकारों की सुरक्षा में सहायक व्यक्तियों की महत्वपूर्ण भूमिका*
*अम्बेडकरनगर।* बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराधों को खत्म करने और उन्हें सुरक्षित भविष्य देने के लिए पॉक्सो एक्ट ने न केवल एक सख्त कानूनी ढांचा तैयार किया है, बल्कि पीड़ित बच्चों और उनके परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए सहायक व्यक्तियों की नियुक्ति भी की है। ये सहायक व्यक्ति अब न्याय की इस जटिल यात्रा में पीड़ितों के लिए मार्गदर्शक बनकर खड़े हैं।
अक्सर बाल यौन शोषण के मामलों में बच्चे और उनके परिवार कानूनी प्रक्रियाओं से घबरा जाते हैं। लेकिन अब इन सहायक व्यक्तियों का काम है कि वे न केवल इन प्रक्रियाओं को आसान बनाएं, बल्कि पीड़ितों को उनकी हर जरूरत में सहारा दें। चाहे वह कानूनी जानकारी हो, स्वास्थ्य सुविधाएं हों या मनोवैज्ञानिक समर्थन—सहायक व्यक्ति हर मोड़ पर मौजूद रहेंगे।
सहायक व्यक्तियों की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है कि वे पीड़ित बच्चों की पहचान और उनकी परिस्थितियों की गोपनीयता सुनिश्चित करें। यह सुनिश्चित करना कि उनकी पहचान उजागर न हो, सहायक व्यक्तियों की प्राथमिकताओं में शामिल है।
सहायक व्यक्ति न केवल न्याय दिलाने में मदद करते हैं, बल्कि बच्चों के जीवन में फिर से खुशियां लौटाने का भी प्रयास करते हैं। बच्चों के लिए पुनर्वास योजनाओं को लागू करने से लेकर उनकी शिक्षा और आर्थिक स्थिति सुधारने तक, हर पहलू में सहायक व्यक्ति अहम भूमिका निभा रहे हैं।
अंबेडकरनगर में बाल कल्याण समिति ने पॉक्सो एक्ट के तहत तीन सहायक व्यक्तियों को नियुक्त किया है,इंदु मौर्य भगवान प्रसाद तिवारी व संतोष श्रीवास्तव,ये सहायक व्यक्ति पुलिस, चिकित्सा विभाग और कानूनी संस्थाओं के साथ समन्वय बनाकर हर पीड़ित बच्चे को सुरक्षा और सहायता देने का काम कर रहे हैं।
इन सहायक व्यक्तियों की सबसे बड़ी उपलब्धि है आशा का संचार करना। बच्चों और उनके परिवारों को यह भरोसा दिलाना कि वे अकेले नहीं हैं। उनकी हर परेशानी में मदद के लिए सहायक व्यक्ति उनके साथ खड़े हैं।
सहायक व्यक्ति, बाल पीड़ितों को न केवल न्याय का भरोसा दिलाते हैं, बल्कि उन्हें एक नई जिंदगी की ओर बढ़ने का आत्मविश्वास भी देते हैं। उनकी भावनात्मक, मानसिक और सामाजिक स्थिति को सुधारने का यह प्रयास वास्तव में सराहनीय है।
पॉक्सो एक्ट के तहत नियुक्त सहायक व्यक्ति बच्चों के जीवन में एक ऐसा बदलाव ला रहे हैं, जो न केवल उन्हें न्याय दिलाएगा, बल्कि उन्हें एक आत्मनिर्भर और सुरक्षित भविष्य की ओर भी ले जाएगा।
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