विश्व कुष्ठ रोग उन्मूलन दिवस के अवसर पर विधिक साक्षरता शिविर का हुआ आयोजन
निराला साहित्य संवाद,
अम्बेडकर नगर। उ०प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ द्वारा प्रेषित प्लान ऑफ एक्शन 2024-25 के अनुपालन में श्री राम सुलीन सिंह, माननीय जनपद न्यायाधीश / अध्यक्ष महोदय, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर के निर्देशानुसार आज दिनांक 31.01.2025 को संयुक्त जिला चिकित्सालय, अग्बेडकरनगर में, विश्व कुष्ठ रोग उन्मूलन दिवस के अवसर पर विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में श्री भारतेन्दु प्रकाश गुप्ता, अपर जिला जज / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर, डा० ओमप्रकाश, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, संयुक्त जिला चिकित्सालय, डा० हर्षित गुप्ता, चिकित्सालय प्रबन्धक, श्री शरद पाण्डेय, असिस्टेंट, लीगल एड डिफेन्स काउन्सिल, श्री राहुल श्रीवास्तव, उपजिला कुष्ठ अधिकारी, अम्बेडकरनगर, श्री शिशुवेन्द कुमार यादव, फिजियोथेरेपिस्ट, श्री अंकुर पाण्डेय कम्प्यूटर आपरेटर, जि०वि०से०प्रा०, श्री प्रदीप कुमार, लिपिक, जि०वि०से०प्रा० के कर्मचारीगण, पी०एल०वी० एवं संयुक्त जिला चिकित्सालय के कर्मचारीगण आदि उपस्थित रहे।
विधिक साक्षरता / जागरूकता शिविर को सम्बोधित करते हुये श्री भारतेन्दु प्रकाश गुप्ता, अपर जिला जज / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर ने बताया कि विश्व कुष्ठ उन्मूलन दिवस प्रत्येक वर्ष 30 जनवरी को मनाया जाता है इसकी शुरुआत वर्ष 1954 में हुई थी। यह दिवस महात्मा गांधी की करूणा को याद करने के लिये चुना गया था। यह एक संक्रामक रोग है तथा पुरानी बीमारियों में से एक है जो नसों को प्रभावित करती है यह रोग माइकोबैक्टीरियम लेप्री के कारण होता है, इस दिवस को मनाने का उद्देश्य कुष्ठ रोग से पीड़ित लोगों का सम्मान करने, इस बीमारी के विषय में जागरूकता बढ़ाने और कुष्ठ रोग से सम्बन्धित भेदभाव को समाप्त करना है। इस वर्ष की थीम है " एकजुट हो जाओ। काम करो। खत्म करो। यह थीम कार्यवाही का आव्हान करती है। जिसका उद्देश्य कुष्ठ रोग के बारे में जागरूकता बढ़ाना, कुष्ठ रोग से प्रभावित व्यक्तियों के सामने आने वाली चुनौतियों को उजागर करना और कुष्ठ रोग को खत्म करने के लिये सहयोगात्मक कार्यवाही को प्रेरित करना है।
श्री राहुल श्रीवास्तव, उपजिला कुष्ठ अधिकारी, अम्बेडकरनगर, द्वारा बताया गया कि इस बीमारी के लक्षणों में शरीर पर लाल पीले रंग के चकत्ते हो जाते हैं जो की शरीर के संक्रमित हिस्से को सुन्न कर देते हैं। नियमति उपचार द्वारा इस रोग का निदान सम्भव है। इसके लक्षण प्रायः 05 वर्ष से 20 वर्ष के मध्य दिखते हैं। यदि समय पर ध्यान न दिया जाये तो उचित उपचार के अभाव में व्यक्ति विकलांगता का शिकार भी हो सकता है। एवं कुष्ठ रोग से विकलांग व्यक्ति को प्रतिमाह 3000 रु० पेंशन दिये जाने का प्रावधान है तथा रोगी को अपने हाथ के आपरेशन के लिये 12000रू0 की धनराशि की सहायता दी जाती है। यदि संक्रमित व्यक्ति में लक्षण कम है तो 06 माह के उपचार की अवधि तथा अधिक संक्रमण होने पर उपचार की अवधि 12 माह से अधिक हो सकती है। यह छुआछूत का रोग नहीं है तथा संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में आने वाले सामान्य व्यक्ति त्वरित इसका शिकार नहीं बनते हैं यदि वे संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में लम्बे समय तक रहते है तो उनमें सक्रमण ही संभावना बढ़ सकती है।
श्री ओमप्रकाश, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, संयुक्त जिला चिकित्सालय, अकबरपुर, अम्बेडकरनगर द्वारा बताया गया कि इन जागरूकता कार्यक्रमों का मुख्य उद्देश्य समाज के अंतिम पायदान तक के लोगों को इस रोग के प्रति जागरूकता मिले, वे इसके लक्षणों को नजरअन्दाज न करें एवं ससमय जांच करवाते हुये उचित उपचार प्राप्त करें।
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